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नाम है एलोवेरा (Aloe Vera) जिसे घृतकुमारी ((Ghritkumari) भी कहते हैं। इसे क्वारगंदल, या ग्वारपाठा भी कहते हैं। भले ही यह बहुत छोटा सा पौधा होता हो, पर इसके गुण और फायदे इतने अधिक हैं कि यह प्राचीन काल से ही वैद्यों और ऋषि मुनियों का पसंदीदा पौधा रहा है। बाजार में खाने और वाह्य इस्तेमाल के लिए एलोवेरा के बहुत सारे उत्पाद मौजूद हैं।
एलोवेरा (Aloe Vera) के प्रकार
एलोवेरा (Aloe Vera) कई प्रकार का होता
है। इसके कुछ खास
प्रजातियों की जानकारी यहां दी जा रही है-
एलो बरबडेंसिस (Aloe Barbadensis) : यह एलोवेरा का सबसे आम प्रकार है। यह एलोवेरा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता
है। विभिन्न कार्यों के लिए सबसे ज्यादा उपयोग इसी प्रजाति के एलोवेरा का होता है।
टाइगर एलो : यह एलोवेरा की सबसे खूबसूरत प्रजातियों
में से एक है, जिसे एक छोटे से गमले या कंटेनर में रखा जा सकता है। इसमें तलवार के आकार की पत्तियां
होती हैं, जिस पर चितकबरे धब्बे
होते हैं। लोग इसका इस्तेमाल सजावटी पौधों के लिए भी करते हैं।
क्लाइम्बिंग एलो : क्लाइम्बिंग एलो एलोवेरा की दुर्लभ प्रजातियों में से एक है।
इसकी पत्तियां आस-पास के पेड़-पौधों में फैल सकती हैं।
एलो डेस्कइंगसी (Aloe Descoingsii) : यह एलोवेरा की सबसे छोटी प्रजाति मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह केवल 2-3 इंच तक बढ़ती है। इस
प्रजाति के एलोवेरा पर गहरे हरे रंग की पत्तियों पर सफेद सफेद धब्बे होते हैं। वसंत
से गर्मियों के दौरान इस पर पीले-नारंगी रंग के फूल खिलते हैं।
रेड एलो : यह बहुत ही खूबसूरत होता है। एलोवेरा के इस प्रजाति के पौधे
बहुत धीमी गति से बढ़ते हैं। रेड एलो को पानी की कम आवश्यकता होती है। सूरज की किरणें पड़ते ही यह खूबसूरत
लाल तांबे के रंग सा दिखता है। यह एलोवेरा के सबसे आकर्षक किस्मों में से एक है।
इसलिए है एलोवेरा गुणकारी
एलोवेरा में एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और ऐसे ही कई अन्य गुण मौजूद हैं। साथ ही एलोवेरा में विटामिन
ए और फोलिक एसिड जैसे जरूरी पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं। यह एक हेल्थ टॉनिक की तरह
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। एलोवेरा (Aloe Vera) एकमात्र पौधा है जो पाचन क्रिया में सुधार से लेकर,
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने
के अलावा शुगर जैसे रोग में भी लाभकारी असर दिखा सकता है सबसे पहले जानते हैं एलोवेरा
के प्रकार के बारे में।
एलोवेरा के फायदे
हमने एलोवेरा, उसकी प्रजातियों और उसके गुण की जानकारी तो प्राप्त कर ली, अब
आइए जानते हैं इसका क्या उपयोग है औऱ यह कैसे फायदेमंद है।
वजन कम करता है एलोवेरा
आधुनिक जीवनशैली में हमारा खानपान और रहन-सहन काफी बदल चुका है। शारीरिक श्रम
भी काफी कम हो चुका है। इसलिए मोटापे की समस्या हावी हो रही है। बाहर का खाना और सही
ढंग से शारीरिक क्रिया न करने से वजन बढ़ने की समस्या सामने आती है। ऐसे में अगर एलोवेरा
जूस का सेवन किया जाए, तो कुछ हद तक इस परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा, यह ऊर्जा खपत को बढ़ाता है और
शरीर में फैट को कुछ हद तक कम कर सकता है।
कब्ज से छुटकारा दिलाता है एलोवेरा
खानपान संतुलित न होने से कब्ज की समस्या से तमाम लोग पीड़ित हो जाते हैं। फिर
तरह-तरह की दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं, जिसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कब्ज की
स्थिति में एलोवेरा का रस फायदेमंद हो सकता है। एलोवेरा में लैक्सेटिव गुण (Laxative
– पेट साफ करने का गुण) मौजूद होता
है। हालांकि, लैक्सेटिव गुण के कारण एलोवेरा का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता
है। इस बारे में चिकित्सक की सलाह एक बार जरूर ले लेनी चाहिए
डायबिटीज में फायदेमंद एलोवेरा
एलोवेरा यानी घृतकुमारी के लाभ की अगर बात करें तो यह डायबिटीज के लिए भी गुणकारी
हो सकता है। यह टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त मरीज का ब्लड शुगर लेवल कुछ हद तक संतुलित कर सकता है हो सकता
है। इसके अलावा, डायबिटिक चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि एलोवेरा की पत्तियां भी मधुमेह में
असरदार साबित हो सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल के लिए गुणकारी
एलोवेरा का सेवन कोलेस्ट्रॉल के लिए भी लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट
पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एलोवेरा के सेवन से न सिर्फ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हो सकता है, बल्कि लिवर कोलेस्ट्रॉल भी कम
हो सकता है। यह मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
हृदय रोग से बचाव
एलोवेरा का सेवन हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। चूहों पर किए गए एक भारतीय
अध्ययन से पता चला है कि एलोवेरा हृदय रोग के जोखिम खासकर डॉक्सोरूबिसिन दवा (कैंसर
उपचार के लिए) के दुष्प्रभाव से होने वाली समस्याओं को कम कर सकता है।
झुर्रियों के लिए एलोवेरा जेल के फायदे
झुर्रियों के लिए लोग तरह-तरह के कॉस्मेटिक और ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं। ये
कुछ वक्त तो असर दिखाते हैं, लेकिन आगे चलकर इनकी वजह से त्वचा पर बुरा प्रभाव भी हो सकता है। ऐसे में झुर्रियों
के लिए एलोवेरा जेल एक अच्छा प्राकृतिक उपचार हो सकता है। मुहांसों के लिए भी एलोवेरा
जेल काफी लाभकारी पाया गया है। बालों को स्वस्थ रखने के लिए भी एलोवेरा लाभकारी हो
सकता है। दरअसल, बालों को स्वस्थ रखने और झड़ने से रोकने के लिए एलोवेरा को हर्बल औषधि की तरह उपयोग
किया जाता रहा है।

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